जब, ’15 साल’ के बच्चे ने नासा के कंप्यूटर हैक कर मचाया कोहराम!
नासा को दुनिया की सबसे सुरक्षित स्पेस एजेंसी माना जाता है. वहीं उनके सर्वर और कंप्यूटर सिस्टम को तो मानो कोई तोड़ ही नहीं सकता. रोजाना दुनिया भर के कई स्पेशलिस्ट इन्हें बचाने में लगे रहते हैं.
हालांकि, ऐसा नहीं है. एक 15 साल के बच्चे ने अपने मनोरंजन के लिए नासा के सिस्टम हैक कर लिए. इतना ही नहीं नासा को कई दिनों तक इसके चक्कर में अपना काम भी बंद करना पड़ा था.
इस एक घटना के बाद उस बच्चे की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई. अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां उसके पीछे पड़ गईं. उसकी जिंदगी में इतने उतार चढ़ाव हुए कि उसे खुद की जान लेनी पड़ी.
आखिर क्या है कहानी जोनाथन जेम्स की चलिए जानते हैं–
हैकिंग की ओर बढ़ता गया रुझान
यह बात है साल 1999 की. कंप्यूटर और इंटरनेट का चलन अमेरिका में शुरू हो चुका था. कई युवा इंटरनेट की ताकत को आजमाने मे लगे हुए थे. उनमें से ही एक था जोनाथन जेम्स.
जेम्स उस समय महज 15 साल का था और कंप्यूटर की दुनिया को समझ रहा था. कहते हैं कि उसका दिमाग कंप्यूटर के मामले में काफी तेज चलता था. इसलिए धीरे-धीरे वह हैकिंग की ओर भी बढ़ गया.
जेम्स ने कुछ वक्त बाद हैकिंग को अंजाम देना शुरू कर दिया. इसके लिए उसने अपना एक नाम भी रहा था ‘C0mrade‘. अपने इस नाम से साथ जेम्स ने हैकिंग की दुनिया में कदम रखा और हैकिंग प्रोग्राम बनाने शुरू कर दिए.
जिस उम्र में जेम्स के साथी खेलते-कूदते थे उस समय जेम्स कंप्यूटर के आगे बैठकर कोडिंग करने में लगा हुआ था.
कहते हैं कि धीरे-धीरे जेम्स का हाथ हैकिंग में काफी अच्छा होने लगा था. छोटी-छोटी हैकिंग के बाद अब वह कुछ बड़ा करने की सोच रहा था.
अब उसकी नजर थी अपने देश के सबसे सुरक्षित नासा के कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने की.
जब हैक हो गए नासा के कंप्यूटर…
हैकिंग के बारे में सोचते ही जेम्स ने ऐसे प्रोग्राम बनाने शुरू कर दिए जिसके जरिए वो नासा के सिस्टम को भेद सके.
इतना ही नहीं थोड़े ही समय में उसने ऐसा एक प्रोग्राम बना भी दिया. इसके बाद अब बस बारी थी उस प्रोग्राम को चलाने की.
नासा पर अपना प्रोग्राम टेस्ट करने से पहले जेम्स ने उसे एक लोकल स्कूल और एक स्टोर पर चलाकर देखा. दोनों के ही सिस्टम में कुछ ही पल में वह प्रोग्राम काम कर गया.
इसके बाद जेम्स उनके कंप्यूटर के अंदर झाँक सकता था और उनकी फाइल्स निकाल सकता था. कहते हैं कि इन दोनों ही सिस्टम से जेम्स ने लोगों की निजी जानकारी निकाल ली थी.
प्रोग्राम के सही तरीके से चलने के बाद अब बारी थी नासा के सिस्टम में इसे चलाने की. इसके बाद जेम्स ने सीधे ही प्रोग्राम नासा के कंप्यूटर में भेज दिया.
कहते हैं कि जेम्स सिर्फ सिस्टम हैक करने तक ही नहीं रुका. उसने नासा के सिस्टम से एक सॉफ्टवेर की चोरी कर ली.
कहते हैं कि उस सॉफ्टवेर की कीमत करीब 1.7 मिलियन डॉलर थी. नासा के लिए वह सॉफ्टवेर बहुत ही काम की चीज थी.
इतना ही नहीं इसके बाद जेम्स के हाथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के सोर्स कोड़ तक भी पहुँच चुके थे. कहते हैं कि इसके जरिए ही अंतरिक्ष में वह सही से काम कर पाता था.
जेम्स को पता भी नहीं था कि नादानी में वह कितना बड़ा जुर्म कर बैठा था. शुरुआत में नासा भी इस हैकिंग का पता नहीं कर पाई थी. हालांकि, कुछ ही दिनों बाद नासा को इस हैकिंग के बारे में पता चला गया.
सोर्स कोड़ से छेड़छाड़ का जैसे ही नासा को पता लगा उन्हें अपने सारे सिस्टम बंद करने पड़े. माना जाता है कि इसकी वजह से उन्हें करीब 41,000 हजार डॉलर का नुक्सान हुआ.
इसके बाद कई और कंपनियों ने भी कहा कि उनके साथ हैकिंग हुई है और उन्होंने काफी डेटा खोया है. इसके बाद सबको लगा कि ये कोई बड़े हैकिंग ग्रुप का काम है.
इसलिए तुरंत ही हैकर की खोज होने लगी. हर तरह उसे ढूँढा जाने लगा. वहीं दूसरी ओर जेम्स को लगता रहा कि उसकी चोरी कोई पकड़ ही नहीं पाया है.
और जाना पड़ा जेल!
नासा और अमेरिका के डिफेंस डिपार्टमेंट ने हर तरफ से हैकर को खोजने का काम शुरू कर दिया. वह जानते थे कि, जो आज नासा तक पहुँच सकता है वह कल और भी अंदर जा सकता है.
इस डर की वजह से अमेरिका की खुफिया एजेंसियां हैकर को ढूँढने लगी थीं. थोड़े ही समय में उन्होंने जेम्स का बनाया प्रोग्राम अपने सिस्टम में खोज लिया.
उन्हें पता चल गया कि आखिर ये किस तरह से काम करता था. इसके बाद उन्होंने उस प्रोग्राम की मदद से ही हैकर को खोजने का काम शुरू किया.
थोड़ा ही वक्त लगा नासा को अपने अपराधी को खोजने में. उन्होंने पता लगा लिया कि जेम्स के घर से इस प्रोग्राम को नासा पर छोड़ा गया था.
अपराधी की लोकेशन पता चलते ही पुलिस उसे गिरफ्तार करने निकल पड़ी. जेम्स को खबर भी नहीं थी कि उसके साथ क्या होने वाला है.
अगले ही पल जेम्स के घर में पुलिस आई और हैकिंग के जुर्म में उसे गिरफ्तार करके ले गई. इससे पहले वह कुछ समझ पाता उसे सलाखों के पीछे ला दिया गया था.
अगले दिन जेम्स को कोर्ट में पेश किया गया. इतना ही नहीं हैकिंग करने के जुर्म में जेम्स को 6 महीने की सजा भी मिली. उसकी सजा काफी कम थी क्योंकि उस समय जेम्स नाबालिक था.
इतना ही नहीं जेम्स अमेरिका का पहला नाबालिक बना जिसे हैकिंग के लिए सजा मिली हो.
इसके बाद जेम्स ने उन सभी डिपार्टमेंट से मांफी मांगी जिनकी उसने हैकिंग की थी. हालांकि, हैकिंग और जेम्स का साथ यहीं खत्म नहीं हुआ. अभी उसकी जिंदगी में एक नया मोड़ आना बाकी था.
झूठे आरोपों के चलते ले ली जान!
सजा के 6 महीने जेम्स के लिए बहुत कठिनाइयों भरे थे. उसके बाद से वह डिप्रेशन में रहने लगा था. उसे एक अपराधी माना जाने लगा था.
लोगों के आरोपों के चलते जेम्स बहुत परेशान हो गया था. इतना ही नहीं खुफिया एजेंसियों की नजर हर समय जेम्स पर थी. वह नहीं चाहते थे कि वह फिर से हैकिंग को अंजाम दें.
कुछ सालों बाद अमेरिका में फिर से बड़े लेवल की हैकिंग को अंजाम दिया गया. इस हैकिंग की तरीका ठीक वैसा ही था जैसा जेम्स ने इस्तेमाल किया था.
जांच में जैसे ही ये बात सामने आई सुरक्षा एजेंसियों का सबसे पहला ध्यान जेम्स की ओर ही गया. इसके बाद उन्होंने बिना कुछ सोचे ही सीधा जेम्स के घर पर रेड मार दी.
ये रेड जेम्स को बिना बताए की गई थी और उसे इसने बहुत हैरान कर दिया था. जेम्स के घर से कोई सबूत नहीं मिला. वह खाली हाथ ही उसके घर से चले गए थे. हाँ, मगर उनका शक इससे कम नहीं हुआ था.
कहते हैं कि इस रेड के बाद जेम्स घबराया हुआ रहने लगा. उसे लगा कि उसके पुराने जुर्म के कारण इस बार वह बेवजह ही सलाखों के पीछे आ जाएगा.
दूसरी ओर एजेंसी वाले भी हर समय जेम्स पर नजर रख रहे थे. धीरे-धीरे जेम्स के अंदर का डर बढ़ने लगा था. वह परेशान रहने लगा था.
वह फिर से जेल में नहीं जाना चाहता था. रेड हुए दो हफ्ते भी नहीं हुए थे कि एक दिन अचानक से खबर आई कि जेम्स ने आत्महत्या कर ली है.
उसने अपनी बंदूक से खुद को गोली मार ली थी. इतना ही नहीं जेम्स ने एक पांच पन्नों को सुसाइड नोट भी लिखा था.
उन पन्नों पर जेम्स ने लिखा कि उसे कानून व्यवस्था पर कोई भरोसा नहीं है. उसे गलत कामों के लिए दोषी माना जा रहा है.
इसलिए वह अपनी जान ले रहा है ताकि उसके जाने के बाद लोग उसकी परेशानी समझ पाए. इसके साथ ही अमेरिका के एक सबसे बड़े हैकर का अंत हो गया.
जेम्स की कहानी बताती है कि कभी-कभी जिंदगी बहुत ही गलत मोड़ ले सकती है. मजाक में जेम्स ने हैकिंग की थी मगर उस मजाक के कारण ही उसकी जान भी गई. 15 साल की उम्र में जेम्स ने नासा के सिस्टम हैक करके दुनिया में तहलका मचा दिया था. हालांकि, यही तहलका आखिर में उसके खात्मे की वजह भी बना
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